Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

गम के आँसू पिये जा

दामोदर विरमाल
महू – इंदौर (मध्यप्रदेश)

********************

ज़िन्दगी बेकार है, गम के आँसू पिये जा !
ज़िन्दगी बेकार है, गम के आँसू पिये जा !!

इतनी ज़ेहमत उठानी होगी ज़िन्दगी मे आकर,
क्या मिला इन्सान को इतना पैसा कमाकर !
क्या हुआ खुदको शरीफ़ दिखाकर,
क्या कर लिया दूसरो पर उंगलियां उठाकर !!

अबतो मरने मारने को भी तैयार है
बस तु पिये जा……………………!!

कंजूसी मे एक ईट पर पर भी घर टिक जाता है,
चंद पैसो के लिये आजकल इंसान बिक जाता है !
कोई खरीदना बेचना इन इन्सानो से सीखे,
“राज” तो इन जैसो पर ग़ज़ल लिख जाता है !!

मुफ़्त का खा पीकर सब लेते डकार है
बस तु तो पिये जा……………………!!

रूठी है ज़िन्दगी अब ज़ोर दो मनाने मे,
पेहले लोग वक्त बिताते थे सबको हंसाने मे !
अबतो चाहे सारा जहाँ लुट जाये, कोई नही सुनने वाला…

ग़रीब वहीं पीछे और अमीरो की वही रफ़्तार है-
बस तु तो पिये जा………………….!!

इंसानियत कहाँ चली गई कोई समझ नही पाया,
लेकिन मेरे दिमाग मे एक आईडिया आया !
सोचा एक आईडिया बदलेगा हमारी भी ज़िन्दगी,
आज सब पूछ लुंगा ज़िन्दगी से जो मन मे सवाल आया !!

आखिर क्या बिगाड़ा था गरीब ने जो उसे इतना सताया जाता है,
जिसके पास होता है पैसा और पावर उसे क्यों सर चढाया जाता है !!

तब ज़िन्दगी ने मुझे बड़े प्यार से समझाया कि•••••••••••••••••••

जो बाहर करता है पेहलवानी वही घर मे बीवी से डरता है,

जो रेहता है चुपचाप हजारों मे वही सब पर राज़ करता है!!

ये सतयुग नही कलयुग है बेटा•••••
जो करता है यहीं भरता है,
और जो डरता है वो मरता है !!

ये तो अन्धेर नगरी और चोपट राजा की सरकार है

और तेरे जैसे दुनिया मे हज़ार है-
इसलिए दुनिया की फ़िकर छोड़…

तू तो पिये जा……………………!!

ज़िन्दगी बेकार है गम के आंसू पिये जा….
ज़िन्दगी बेकार है गम के आँसू पिये जा ……

.

परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके नानाजी थे। आपके द्वारा अभी तक कई कविताये, मुक्तक, एवं ग़ज़ल व गीत लिखे गए है, जो आये दिन अखबारों में प्रकाशित होते रहते है। गायन के क्षेत्र कराओके गीत गाने में आप खासी रुचि रखते है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *