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कदम

वीणा वैष्णव
कांकरोली

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कदम रखना फूंक-फूंक, अतीत सदा दोहराया जाएगा।
जब जब आगे बढे़गा, अतीत बता पीछे धकेला जाएगा।।

हर व्यक्ति मैं में सिमटा, वो राह गलत तुझे दिखाएगा।
वाणी में वेदना भरी, वह खुशी फूल कैसे खिलाएगा।।

सोच समझ कदम बढ़ा, रास्ता चहूँओर नजर आएगा।
गहराई से कर चिंतन, स्वयं नया सृजन कर पाएगा।।

सज्जन राह पूछ कदम बढ़ा, दुर्जन राह भटकाएगा।
जैसी संगति बैठिए, कहावत यतार्थ वो कर जाएगा।।

मत कोसना अपनों को, कर्मानुसार फल तू पाएगा।
फस गया कभी दलदल तो, कमल फूल खिलाएगा।।

रख इरादे मजबूत कदम बढ़ा, दृष्टिकोण बदल जाएगा।
समस्या को नजरअंदाज कर, तू निश्चय मंजिल पाएगा।।

सकारात्मक सोच रख नजरिया बदल, अपनापन पाएगा।
करता रह श्रेष्ठ कार्य, दुर्जन तेरे कदमों में झुक जाएगा।।

इतिहास पृष्ठों पर, तेरा नाम स्वर्णाक्षर लिखा जाएगा।
मर कर भी तू हर जन हृदय में, बस अमरता पाएगा।।

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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


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