मो. जमील
अंधराठाढी (मधुबनी)
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सोशल मीडिया वर्तमान में अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां लोग अपनी रचनात्मकता और कलात्मकता का प्रयोग कर अपनी प्रतिभा को सभी के सामने रख सकते है। शायद यही कारण है कि कम समय में यह प्लेटफार्म युवाओं के दिल और दिमाग पर राज कर रहा है। सोशल मीडिया पर सक्रिय होना बुरा नहीं है। बच्चों से लेकर बड़े तक सभी इस प्लेटफार्म का प्रयोग अपने अनुसारकर रहे है। जिसके अच्छे और बुरे परिणाम हमारे सामने वीडियो वायरल होने से लेकर दरिंदगी की खौफनाक घटनाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। खुद को जनता के बीच चर्चित करने या फिर अपने टैलेंट को दिखाने के लिए भी इसका इस्तेमाल बखूबी हो रहा है। अच्छे और बुरे परिणामों की बात करने वाद अहम सवाल यह उठता है कि क्या सोशल मीडिया बुरा है या फिर उसके उपयोग कसे का तरीका? आपका भी जवाव शायद तरीका ही होगा। कहीं न कहीं समस्या भी इसी के इर्द गिर्द ही नजर आती है। दरअसल में हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो जोर शोर से कर रहे हैं, लेकिन उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को दरकिनार कर देते है। जो सबसे अहम बात है। बच्चों के सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय उसकी निगरानी करना बेहद जरुरी है। जिसके लिए यह भी जानना जरूरी है कि वह सोशल मीडिया परक्या सर्च करहाहै. क्या देख रहा है और तो और उसने अपने सर्किल में कैसे लोगों को जोड़ रखा है। जब इस बात की जानकारी मिल जाएगी तो हमें बच्चों की मनोवृत्तिका पता भी चल जाएगा। लेकिन हम मनोवृत्ति तभी पता कर पाएंगे जब उसे अपना दोस्त बनाएंगे। जिसके बाद उसके नजरिए को सकारात्मक रुप में बदलने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे। तभी समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकेगा।
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परिचय :- मो. जमील अंधराठाढी (मधुबनी)
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