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सच को समझे

संजय जैन
मुंबई

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समय बदल देता है,
लोगो की सोच को।
पैसा बदल देता है,
उसकी वाणी को।
प्यार बदल देता है,
इर्शा और नफरत को।
पढ़ाई बदल देती है,
उसके बुधिक ज्ञान को।
मिलने मिलाने से,
मेल जोल बढ़ाता है।
तभी तो लोगो में,
अपनापन बढ़ाता है।
जिससे एक अच्छे,
समाज का निर्माण होता है।
और लोगो मे इंसानियत का,
एक जज्बा जगता है।
जिससे लोगो के दिलो में,
इंसानियत आज भी जिंदा है।
माना कि परिवर्तन से,
प्रगति होती है।
परन्तु पुरानी परंपराओं से,
आज भी संस्कृति जिंदा है।
इसलिए भारत देश,
विश्व मे सबसे अच्छा है।
तभी तो सारे दुनियां की,
नजरे भारत देश पर टिकती है।
विश्व का सबसे बड़ा,
बाज़ार हमारा इंडिया है।
यहां के पढ़े लिखे लोगो को,
विदेशी उठा ले जाते है।
और उन्ही के ज्ञान से,
विश्व बाजार को चलाते है।
और दुनियाँ की महाशक्ति कहलाते है।
और हम उनकी कामयाबी पर,
भारतीय मूल का तम्बा लगते है।
और इसी में खुश हो जाते है।
ये तो वो ही बात हुई,
पैदा किया और छोड़ दिया।
पर जब कुछ वो बन गया,
तो हमारा पुत्र हो गया।
वरना हमने तो मारने को,
छोड़ ही दिया था।
वाह री दुनियां और इसके लोग,
आप लोगो का क्या कहना।

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लेखक परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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