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कसीदे पढ़ के

शाहरुख मोईन
अररिया बिहार

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मंचो पर कसीदे पढ़ के इतना बेकार नहीं बनना,
झूठी खबरों का रद्दी झूठा अख़बार नहीं बनना।

जब तक सांसे होगी इंकलाबी बातें होगी,
अमीरों की तारीफ करूं ऐसा मक्कार नहीं बनना।

हमारी आवाज से पिघलते है फौलाद जुल्म के,
लंगड़ी गूंगी सियासत के गले का हार नहीं बनना।

छीनने से हक मिलेगा ये तुम जान लो,
मुल्क में नफरत फैलाऊ ऐसा सरदार नहीं बनना।

भूखें, नंगें, गरीबों,वेघर लोगों का साथी बनना है,
चंद पैसों के खातिर हमको जालिम का हथियार नहीं बनना।

अपनी फकीरी में खुश हूं, ईमान के साथ,
कड़वी बातें होगी हमको बेईमानों का राजदार नहीं बनना।

नफरत बोलने वालों के घर में बीज बहुत है,
अमन फैलाना है शाहरुख हमको सरकार नहीं बनना।

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लेखक परिचय :- शाहरुख मोईन अररिया बिहार

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