Monday, November 25राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

लब चुप थे

जयंत मेहरा
उज्जैन (म.प्र)

********************

लब चुप थे, आँखों ने कहना सिख लिया
लौ ने, तेज हवाओं को सहना सिख लिया
धड़कने उम्र भर वक़्त के इंतजार में बैठी रही
बेशर्म सांसो ने जज्बातों को कहना सिख लिया
हर उम्र को गुज़रते देखा है आँगन ने मेरे
इन बच्चों ने कहीं और हि बहना सिख लिया
दुनिया ने ही दुनिया बिगाड़ रखी है
हमने अपने घरों में रहना सिख लिया
उसे गरूर है कि यहाँ कि हवाऐं वो चलाता है
लोगो ने भी धुंध में रहना सिख लिया

.

परिचय :-
नाम : जयंत मेहरा
जन्म : ०६.१२.१९९४
पिता : श्री दिलीप मेहरा
माता : श्रीमती रुक्मणी मेहरा
निवासी : उज्जैन (म.प्र)
सम्प्रति : वर्तमान में कनिष्क कार्यपालक अधिकारी (इंजीनियरिंग – सिविल डिपार्टमेंट) भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सेलम हवाईअड्डे पर पदस्थ
शिक्षा : बी.ई. (सिविल इंजीनियरिंग) २०१६, एम .टेक – (Geotechnical Engineering ) २०१८ भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर से


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *