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मोहब्बत करके देखो

संजय जैन
मुंबई

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किसी से मोहब्बत करना,
बहुत अलग बात है।
मोहब्बत कर के दिल में,
उतार जाना बड़ी बात है।
मगर लोगो ने मोहब्बत को,
एक नुमाइश बना दिया।
आज इससे तो कल उससे,
करके दिखा दिया।।

मोहब्बत कभी भी नुमाइश की,
चीज हो नही सकती।
जो ऐसा करते है,
वो मोहब्बत कर नही सकते।
मोहब्बत वो बंधन है,
जो दिल से निभाना पड़ता है।
अगर मोहब्बत समझना है,
तो पढ़ो राधा कृष्ण,
मीरा कृष्ण के चरित्रों को।
मोहब्बत का सही अर्थ,
समझ तुम्हे आ जायेगा।।

मोहब्बत को जो लोग,
नुमाइश समझते है।
जिंदगी उनकी वीराना,
एक दम हो जाती है।
तभी तो सब होते हुए भी,
अकेला घुट घुट कर जीता है।
खुद अपनी जिंदगी को,
नरक वो ही बनाता है।।

ये दुनियाँ बहुत सुंदर है,
इससे जीना तो सीखो।
मोहब्बत करके लोगो के,
दिल में बसना तुम सीखो।
तुम्हारी जिंदगी पूरी,
बदल जायेगी एक दिन।
अमर हो जाओगे तुम,
इतिहास के पन्नो में।।

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लेखक परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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