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जीवन साकार करूंगी मैं

वीणा वैष्णव
कांकरोली

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पितु -मात आशीष को, सफल सदा करूंगी मैं।
शूल को फूल बना, जीवन साकार करूंगी मैं।।

नेक कर्म कर जगत में, यश को प्राप्त करूंगी मैं ।
छल कपट से दूर रह, जीवन साकार करुंगी मैं।।

वसुधैव कुटुंबकम भावना, सदा अपनाऊंगी मैं।
मर्यादा को अपनाकर, जीवन साकार करूंगी मैं।।

मन निराकार सपने साकार, कड़ी मेहनत करूंगी मैं।
अपनी हर गलती स्वीकार, जीवन साकार करूंगी मैं ।।

खुशियों का दमन कर, आशियाना ना बनाऊंगी मैं।
सत्य पथ अपनाकर, सदा जीवन साकार करूंगी मैं।।

पेड़ आदर्श बना, देश हित सर्वस्व न्योछावर करूंगी मैं।
देश को प्रगति पथ पहुंचा, जीवन साकार करूंगी मैं।।

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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


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