Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

यादों के गुलाब

रंजना फतेपुरकर
इंदौर (म.प्र.)

********************

घनेरे बादलों पर चलकर
चाहत का नज़राना
उतर आया है
झिलमिल चांदनी में
सितारों का नूर
निखर आया है
जबसे दुआएं मांगी हैं
तुम्हारी यादों को
पलकों में समेटने की
कविता की पुस्तक में रखे
सुर्ख गुलाबों का
महकना याद आया है

एक खूबसूरत सा रंग
भीगी चाहत का
तुम्हारी सपनीली आंखों में
उतर आया है
एक धुंधला सा बादल
झीने कोहरे का
सुहानी यादों में
उतर आया है
पिघलती शमा की रोशनी
जब बहती है सितारों में
एक कतरा दुआओं का
हथेलियों पर उतर आया है

.

परिचय :-
नाम : रंजना फतेपुरकर
शिक्षा : एम ए हिंदी साहित्य
जन्म : २९ दिसंबर
निवास : इंदौर (म.प्र.)
प्रकाशित पुस्तकें ११
सम्मान ४५
पुरस्कार ३५
दूरदर्शन, आकाशवाणी इंदौर, चायना रेडियो, बीजिंग से रचनाएं प्रसारित
देश की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएं प्रकाशित
रंजन कलश, इंदौर अध्यक्ष
वामा साहित्य मंच, इंदौर उपाध्यक्ष
निवास : इंदौर (म.प्र.)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *