Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मयकदा पानें के बाद

प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री)
(मुजफ्फरनगर)

********************

मैं नशे में ठीक था मैं मयकदा पानें के बाद
बस परेशान ही रहा हूँ होश में आनें के बाद

शख्सियत खुद की तराशो सादगी से इस कदर
आपकी तारीफ हो यहाँ आपके जानें के बाद

जब भी मिलता है वो अब भी आदतन मजबूर है
पूछता है हाल वो मुझ पर सितम ढानें के बाद

खुद से गर ना मिल सके इस बार कोई गम नहीं
फिर शुरू होती है माला आखिरी दानें के बाद

दुश्मनी मुझसे है या फिर है अदा उसकी कोई
फिर सितम करता है वो कितना भी समझाने के बाद

जिस तरह भी आजमाओ मुझको तुम मेरे सनम
तुमको ना मुझसा मिलेगा मेरे अफसानें के बाद

अब तलक भटका हुआ शाफिर” नशे में चूर था
आज संभला हूं मैं लेकिन ठोकरे खानें के बाद

.

लेखक परिचय :- प्रमोद त्यागी (शाफिर मुज़फ़्फ़री)
ग्राम- सौंहजनी तगान
जिला- मुजफ्फरनगर
प्रदेश- उत्तरप्रदेश


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *