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हम तो आज़ाद हैं

शिवम यादव ”आशा”
(कानपुर)

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हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैंं……

बंदिशों से सदा उनकी लाचार हैं
उनको लगता सदा हम तो बेकार हैं
छोड़ दी हमने अब तलवार है
बन गई अब कलम मेरी पतवार है

हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैं…..

लिखते लिखते नहीं हाथ थकते मेरे
देश पर मेरा लिखने का अधिकार है

हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैं…..

देखकर लोग कहते हैं आवारा है
ये तो आवारा है, ये तो क्वाँरा है
धड़कने उनके दिल की हैं बढ़ने लगीं
फिर से कहने लगे वो तो बेचारा है
वो तो बेचारा है वो तो बेचारा है

हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैं…..

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लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन”

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