धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)
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स्याह रात में
हज़ारो ख्वाइशें लिए मैं
अज़नबी शहर में
भटक रहा था।
बादलो से हारे
सितारें न जाने
कहा जा छुपे थे।
जुगनुओं की बस्ती में भी
कोई हादसा हो गया था
कोई नज़र नही आ रहा था।
इस स्याह रात में
मैं बे साया
मंज़िल की ज़ुस्तज़ु में
बद हवास भटक रहा था।
अजीब हैं ,ये शहर
रौशनी से डरा हुआ,
सन्नाटा हाथ मे नश्तर लिए
हर आवाज़ को चाक कर रहा था
दिल और जेहन के बीच
घमासान छिड़ा था
दोनों के दरमियाँ
मैं बेबस खड़ा था।
किसकी सुनु, न सुनु
कश्मकश में था।
ये ज़ुस्तजू
ये जद्दोजहद
किसके लिए
मैं समझ नही पा रहा था
मेरा आवारापन ले आया मुझे
शहर के उस छोर पर
जहा जिंदगी ही हद
खत्म होती है।
और शुरू होता है
एक नया सफर
जो मंज़िल का
मोहताज़ नही।
.
परिचय :-
नाम : धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
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