धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)
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एक नटखट बच्चा
रोज मन के द्वारे आकर
बैठ जाता है,
यादों की किताबो को
उलट पलट देता है,
कुछ पन्ने फाड़ देता है,
मेरी डांट से उन्हें
जैसे तैसे चिपका देता है।
आज तो उसने हद कर दी
बाहर खेलने का बोला
तो आवारा घूमता रहा
शाम को लौटा तो
कही से
सुरमई धूप के टुकड़े,
कुछ हवा के रंग
धूसर, लाल, पिले, निले
महकती रात की कुछ
उजली किरणे,
कुछ फूलो से झरे मोती,
नदी के गजरे के बासी फूल
चांद का गर्म दुशाला,
एक बड़ी बिंदी चांदनी की
चंपा चमेली की चूड़ी के टुकड़े
सपनो का टूटा फूटा इत्रदान,
सुबह की कान का एक बाला
शाम की पायजेब का टूटा घुँघरू
और न जाने क्या क्या
बिन कर
मन की कोठरी में ले आया है,
इन चीजों से
उसके लिए
एक सपनो की झालर
बुन दु,
इसके लिए मुझ से
जिद कर रहा है।
.
परिचय :-
नाम : धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
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