
देवकी दर्पण
पाटन जिला बूंदी (राजस्थान)
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सदियों जीवित रहे, ऐसा मेरा लोक कहे,
शीतल बयार बहे, वट तू लगा भाई।
दीर्घायु अमरता का, है प्रतीक यह वट,
गर्मी को उतारे झट, फट तू लगा भाई।
ब्रह्मा विष्णु शिव जी का, मानते वट निवास,
पूजा होती इसलिए, डट तू लगा भाई।
साधक सौभाग्य पाता, समृद्धि आरोग्य लाता,
सुख यहा मिलजाता, खट तू लगा भाई।।१।।
मन चाही कामना में, महिला कलावां बांध,
बरगद पूजती है, मन के विश्वास से।
छाल फल दूध बीज, कीमती है हर चीज,
रोगों का इलाज करे, पूरी मन आस से।
कफ वात पित्त रोग, वट तरु कर सके,
नाक कान बाल रोग, दूर वट खाश से।
दांत रोग, टोंन्सिल व, खांसी जुकाम मिटते,
बरगद दे दवाई, पूरी अपने पास से।।२।।
खूनी बवासीर मिटे, अति प्यास रोग कटे,
छींक जाए नहीं डटे, वट गुणवान है।
गर्भ धारण में छाल, बीज मूत्र में कमाल,
कटि दूध से निहाल, वट तरु शान है।
ढ़ीला स्तनपन ठीक, करती वट कोपलें,
फल तन पुष्ट करे, मानो बलवान है।
मासिक धर्म विकार, दूध से ही कुष्ठ रोग,
खुजली में पत्तियों का, रोग मे बखान है।।३।।
कोलेस्ट्रॉल का कन्ट्रोल, शीघ्रपतन सूजन,
वट मे दवाई पूरी, वैद्य जी बतायेगें।
सम्पूर्ण भारत मे है, मघा का प्रतीक यह,
जग विख्यात विटप, लोग सुख पायेंगे।
वक्ष है सदाबहार, त्रिमूर्ति प्रतीक यह,
यह काटा नही जाता, सत्य तो बतायेंगें।
अग्नी पुराणानुसार, दर्शाता उत्सर्जन है,
सन्तानोत्पति करता, खाश है लगायेंगें।।४।।
प्राचीन काल से यह, यजुर्वेद रामायण,
पाया है अथर्ववेद, वट बड़ा नाम है।
महाभारत में लिखा, शतपथ ब्राह्मण मे,
ऐतरेय ब्राह्मण में, वृक्ष गान आम है।
महोपनिषद कहा, सुभाषितावली रहा,
रघुवंश मनुस्मृति, वटवृक्ष धाम है।
रामचरितमानस, जेसे महा ग्रंथ मे भी,
किवदंतियों समेत, वट का ही काम है।।५।।
साहित्यक नाम : देवकी दर्पण
पिता : स्व.श्री गजानन्द शर्मा
माता : स्व.श्रीमति रामनाथी बाई
जन्म : ७ जुलाई १९७६
निवासी : रोटेदा तह.- के. पाटन जिला बून्दी (राजस्थान)
लेखन : हिन्दी व राजस्थानी मे समान रूप से।
विधा : गद्य मे- संस्मरण, रेखा चित्र, कहानी, लघु कथा, यात्रा वृतांत, लेख, आलेख, ललित निबंध आदि। पद्य मे- कविता, गीत नवगीत हाइकू, दोहा, छन्द, गजल, क्षणिका, मुक्तक आदि।
अभिरुचि : लेखन, स्वाध्याय, संगीत, अभिनय, वाद्यवादन आदि।
प्रकाशन : देश भर से सात दर्जन दैनिक और दूसरी पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन। सहित राष्ट्रीय स्तर के कई संकलनों मे रचना प्रकाशित।
प्रकाशित पुस्तके : १- अमरत को धोरो (राजस्थानी काव्य कृति २००६) २- मेघ माल (हिन्दी काव्यकृति २००७) ३- कांकरी घून्दता पग (राजस्थानी यात्रा वृतांत २०१३) ४- अध्यात्म दर्शन (भजन संग्रह २०१५) ५- क्है चकवां सुण चकवी (राजस्थानी लोक कथा २०१७) ६- खोल पखेरू पांख (राजस्थानी बाल गजल संग्रह २०२२) ७- जाण जातरी जाण (राजस्थानी यात्रा वृतांत २०२२) ८- धजा का धणी (राजस्थानी बाल काव्य २०२३) ९- जामण जाई (राजस्थानी महाकाव्य २०२३) १०- जाण्यां बीण्यां आखर (राजस्थानी बाल काव्य २०२४) ११- जानिए अक्षर-वर्ण (हिन्दी बाल काव्य २०२४)
बेटी सीरियल : हर मंगलवार को दैनिक सांध्यकालीन अंगद मे प्रकाशित।
प्रसारण : १- दूरदर्शन केन्द्र जयपुर, २- ई टी भारत, ३- पस्ट इण्डिया टीवी, ४- एस टी एन टीवी, ५- खबर बून्दी, ६- प्लस न्यूज,टीवी चैनलों और कई यूट्यूब चैनलों सहित कोटा और जयपुर आकाशवाणी से रचना आलेखो का निरन्तर प्रसारण।
सचिव : राष्ट्रीय शिक्षक रचनाकार प्रगति मंच और मायड़भासा सिरजण मंच।
पुरस्कार : १- श्री धन्नालाल कृषक साहित्य सम्मान २०२३ करसो खेत खलाण ढोटी कोटा
२- पुरोहित श्री राधेश्याम दाधीच सम्मान २०२३ लुहावद कोटा
३- श्री नाथूराम चोधरी स्मृति राजस्थानी जातरा वृतांत पुरस्कार २०२३ नेम प्रकाशन डेह नागौर।
सम्मान : १- काव्य सरस्वती की मानद उपाधि २००६ अन्तर्राष्ट्रीय पराविद्या संस्थान उ.प्र.द्रारा। २- राष्ट्रीय युवा रचनाकार सम्मान २००६ रा.शि.र.प्र.म.बूढ़ादीत कोटा द्वारा। ३- साहित्य भूषण सम्मान २००६ ऋचा प्रकाशन कटनी म.प्र । ४- .डॉ. अम्बेडर फेलोशिप २००७ नई दिल्ली।
५- काव्य कदम्ब सम्मान २००८ राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान अखिल भारतीय साहित्य संगम उदयपुर द्वारा।
६- दुष्यन्त साहित्य सम्मान २००८ खण्डवा में.प्र.। ७- ब्रज गौरव सम्मान २००८ बलदेव मथुरा उ.प्र.। 8- भारत श्री सम्मान २००८ समग्रता शिक्षा साहित्य एवं कला परिषद कटनी म.प्र.। ९- आर्यावर्त रत्न समान २०२० आर्यावर्त समिति कोटा। १०- समरस श्री काव्य शिरोमणि सम्मान २०२२ समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत। ११- शान-ए- हाड़ौती सम्मान २०२२ कर्मवीर संस्था कोटा। १२- कोटा लिटेचर फेस्टीवल अवार्ड २०२४ साहित्यक महाकुंभ संभाग पुस्तकालय कोटा। १३- साहित्य श्री सम्मान २०२४ श्री भारतेंदु समीति लाडपुरा कोटा। १४- हाड़ौती आनन्द गौरव सम्मान २०२४। १५- सम्मान सिहोर म.प्र. सहित कई ऑनलाईन ई सम्मान पत्रो से भूषित।
मंच : अखिल भारतीय एवं राजस्थानी कवि सम्मेलनो मे सन् २००० से कविता पाठ।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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