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जय श्री महाप्रभु वल्लभ बोल

कमल किशोर नीमा
उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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एक सितारा प्रकटा था जग में वाणी में अमृत घोल।
श्रीकृष्ण: शरणम मम का मन्त्र दिया अनमोल।
श्रीनाथ ज़ी आराध्य उनके रखें उनसे हमजोल।
पद वन्दन कर मुख से जय श्री महाप्रभु वल्लभ बोल।
श्रीकृष्ण: शरणम मम का मन्त्र दिया अनमोल।
ज्ञान बुद्धि विवेक में उनसा था ना कोई मेल
पंडित ज्ञानी वेद पुराणी शास्त्रार्थ में सब फेल।
तत्व ज्ञान का बोध कराया भेद दिये सब खोल।
श्री कृष्ण: शरणम मम का मन्त्र दिया अनमोल।
बेठक चौरासी महाप्रभु की निधि बड़ी अनमोल

पारायण कर भागवत उद्धृत किये सब बोल।
आत्मसात् कर सद्‌गुरु वाणी अन्तर चक्षु खोल।
पद वन्दन कर मुख से जय श्री महाप्रभु वल्लभ बोल।
एक सितारा प्रकटा था वाणी में अमृत घोल।
भक्ति पुष्टि का अलख जगाया सेवा विधि बोल।
श्री कृष्ण की लीलाओं से परत पड़ी दी खोल।
जनम सफल कर प्राणी अष्टाक्षर मन्त्र बोल।
श्री कृष्ण: शरणम मम का मन्त्र दिया अनमोल
श्री कृष्ण: शरणम मम का मन्त्र बड़ा अनमोल।

परिचय :- कमल किशोर नीमा
पिता : मोतीलाल जी नीमा
जन्म दिनांक :१४ नवम्बर १९४६
शिक्षा : एम.कॉम, एल.एल.बी.
निवासी : उज्जैन (मध्य प्रदेश)
रुचि : आपकी बचपन में व्यायाम शाला में व्यायाम, क्षिप्रा नदी में तैराकी और शिक्षा अध्ययन के साथ कविता, गीत, नाटक लेखन मंचन आदि में गहन रूचि रही है।
व्यवसाय सेवा : आप सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग. सन् १९६४ से सन् १९७० तक एवं सन् १९७१ से सन् २००६ तक के उद्योग जगत के साथ काम करते रहे। सेवा निवृत्ति के बाद ईश्वर की प्रेरणा से पिछले पांच वर्षों से भगवान का भजन आरंभ हुआ है। वर्तमान में लगभग २० भजन लिखे गए हैं, जिनमें १६ भजन यू ट्यूब पर संगीतकार द्वारा संगीतबद्ध करवा कर प्रसारित किए गए हैं जिन्हें यू ट्यूब सनातनम ​​भक्ति २एम स्टूडियो सर्च कर पृथक किया जा सकता है। अयोध्या में श्री राम मंदिर में श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर टॉवर चौक पर भजन संध्या के अवसर पर आपके द्वारा लिखित भजनों की प्रस्तुति दी गई।

घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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