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नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान

संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)
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अखिल भारतीय कविता लिखो प्रतियोगिता
विषय :- “नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान”
उत्कृष्ट सृजन पुरस्कार प्राप्त रचना

नारी उड़ना चाहती
स्वतंत्रता की
वो शिक्षा के बल पर
लगा चुकी उड़ने के पंख
हर क्षेत्र में स्वतंत्रता के जरिये
विकास के द्वार
पुरुषों के संग खोल रही
वे चाहती है कि
दुनिया से उत्पीड़न, शोषण ओर
बलात्कार हो बंद
उसकी आक्रोशित आंखे
कुप्रथाओं के खिलाफ आग उगल रही
जल, थल ओर नभ में शासन कर
दिखा रही स्वतंत्रता से उपजी
नारी की शक्ति
उन्मुक्त उड़ान भर
विश्व में कर रही अपना नाम रोशन
यही सोच हर नारी में
स्वतंत्रता का मन में भर रही हौंसला।

परिचयसंजय वर्मा “दॄष्टि”
पिता : श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि : २ मई १९६२ (उज्जैन)

शिक्षा : आय टी आय
निवासी : मनावर, धार (मध्य प्रदेश)
व्यवसाय : ड़ी एम (जल संसाधन विभाग)
प्रकाशन : देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक”, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “संकल्प शिरोमणि राष्ट्रीय सम्मान २०२३” एवं हिंदी रक्षक जीवनपर्यन्त साहित्य सेवा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान २०२५ से सम्मानित, भारत की और से सम्मान – २०१५, अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता : शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच इंदौर (म.प्र.)
काव्य पाठ : काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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