
डॉ. सोनल मेहता
भोपाल (मध्य प्रदेश)
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अखिल भारतीय कविता लिखो प्रतियोगिता
विषय :- “नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान”
तृतीय पुरस्कार प्राप्त रचना
सीता-सावित्री की भूमि में, नारी ने इतिहास रचाया,
और झाँसी की रानी बन, पराक्रम का दीप भी सजाया।
मीरा का भक्ति प्रेम और अहिल्या की शक्ति महान,
हर युग में नारी ने किया नेतृत्व सभी तरह का स्वतंत्रता अभियान।
गांधी संग कस्तूरबा चलीं, सत्याग्रह की राह,
सरोजिनी, कमला, विजयलक्ष्मी ने बढ़ाया देश का प्रवाह।
आज की नारी तकनीक में, विज्ञान में दे रही योगदान,
चंद्रयान से मंगल तक, पहुँचा रही अपनी पहचान।
पर मनमानी, स्वतंत्रता का सही अर्थ नहीं, इसका का करो प्रस्थान,
स्वतंत्रता तो है आत्म-सम्मान, और कर्तव्यों का ज्ञान।
अपने अधिकारों संग, न भूलें कर्म- धर्म महान,
मन के संतुलन से ही संभव है, समाज का उत्थान।
बेहतर भविष्य की ओर बढ़ें हम, हाथों में हाथ मिलाकर,
नारी-पुरुष संग मिलकर, नव भारत को सँवारकर।
चुनौतियों का कर सामना, नारी बढ़ाये अपना मान,
शिक्षा, साहस, संयम से, रचे रोज़ नई पहचान।
परिचय :- डॉ. सोनल मेहता
निवासी –भोपाल (मध्य प्रदेश)
सम्प्रति : इंसान बनने की कोशिश
शैक्षणिक योग्यता : पी.एचडी., एम.फ़िल, एल.एल.बी., एम.बीए, एम.एड, एम.ए, बीएससी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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