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डम-डम डमरू दिगम्बरा

बबिता सिंह
हाजीपुर वैशाली (बिहार)
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डम-डम डमरू दिगम्बरा,
देवाधिदेव भगवान!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

कर त्रिशूल कर्ण कुण्ड,
जपता रहे मन पंचाक्षर!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

भाल चन्द्र तन बाघम्बरा,
शिवम् सत्यम् सुन्दरा !
जयति-जयति जगदीश्वरा।

अंग विभूति छवि मनोहरा,
नमामि सदा शिव शंकराय!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

जगत सर्जन प्रलयंकरा,
नाथ दयानिधि दानिशवरा!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

सरल हृदय मेरे कालेश्वर,
हे जटाधारी अभयंकरा!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

पार्वती पति प्राणेश्वरा,
विश्वनाथ विश्वंभरा!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

श्री नीलकंठ सुरेश्वर,
चन्द्रमौलि चिदम्बरा!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

नागेन्द्रहारा हे गंगाधारा,
जय-जय महायोगीश्वरा!
जयति-जयति जगदीश्वरा।

परिचय : बबिता सिंह
निवासी : हाजीपुर वैशाली (बिहार)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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