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राधेश्याम गोयल “श्याम”
कोदरिया महू (म.प्र.)
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१४ फरवरी २०१९ पुलवामा आतंकी हमले के बाद, हमारे सैनिकों के द्वारा २६ फरवरी २०१९ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पाक सैनिकों को उनके घर में घुसकर मारा, उस समय सेना पर आक्षेप और पाक सैनिकों के मरने के सबूत मांगना तथा चाइना जाकर उनसे हाथ मिलाना ऐसे सभी कार्य जो विपक्ष के द्वारा किए गए, उसी दौरान, विपक्ष के कार्यों का खुला चिट्ठा बगैर किसी का नाम लिए आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं, ये उन शहीदों को आत्मीय श्रद्धांजली है जो १४ फरवरी २०१९ को पुलवामा में शहीद हो गए।
आजादी की नाव डूब रही,
देश दोही हत्यारों से,
आक्षेप लग रहे नित सेना पर,
घर के इन गद्दारों से।
नेक इरादे हे नही इनके,
हिंदुत्व में फोड़ा पटकाया,
राष्ट्र हित के अच्छे कार्यों में
हरदम रोड़ा अटकाया।
भूखे है सत्ता के सत्ताधर्म
निभाना क्या जाने,
सीमा पर शहीद हो सैनिक,
दर्द ये उनका क्या जाने।
सबूत मांगना सेना से
क्या इनकी मजबूरी थी?
कम्युनिष्टो से हाथ मिलाना
क्या इनकी लाचारी थी?
हर सौदों में दलाली खाई,
अब क्या इनसे आस करे,
तुष्टिकरण की नाव चलाई
क्या इनका विश्वास करे।
धारा तीन सौ सत्तर हट गई,
इनको रास नहीं आई,
ये कहते फिर से लाएंगे,
यदि हमने सत्ता पाई।
वंशवाद का दंश झेल नेता
और जनता ऊब गई,
अहमवाद के अंधकार में
पार्टी इनकी डूब गई।
सत्तालोभी पूर्वज इनके
देश तोड़कर चले गए,
ये निकले अब देश जोड़ने,
दल से अपने छले गए।
देश की जनता जान गई,
नही इनका कोई ठिकाना हे,
सत्ता इनको छोड़ गई,
इन्हे देश छोड़ अब जाना है।
परिचय :– राधेश्याम गोयल “श्याम”
निवासी – कोदरिया महू (म.प्र.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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