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रिश्ते में है अनमोल खुशी

ललित शर्मा
खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
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रिश्ते में है रहता अटूट स्नेहप्रेम प्यार
रिश्ते में विद्यमान चैन सांस,
रिश्ते में सकुशलता, जीने की सफलता
रिश्ते में बहती प्रेम बंधन की सरिता।।

रिश्ते में खून का नहीं देखते रिश्ता,
रिश्ते में अपनेपन अहसास का जुड़ा होता रिश्ता
रिश्ते बिना समूचा जग सुना सुना।
रिश्ते से बढ़ता एक सशक्त अपना परिवार।।

रिश्ते में रहती खुशियां और चाहत बहार
रिश्ते में धन दौलत का नहीं रहता मोल
रिश्ते में दिलों के रिश्ते होते अनमोल देते मन को तौल
रिश्ते में न रहे दरार, बढ़े हरदम प्यार।।

रिश्ते में सदैव बसा रहे करुणा, प्रेम प्यार
रिश्ते में रोज रहे आपसी आना जाना
रिश्ते में दुःख सुख में संगी हो नहीं बनाए बहाना
रिश्ते की दीवार में भेदभाव हरदम घटाना।।

रिश्ते में रखना सीखो रखो एक थाली
रिश्ते में एक संग खाने की लाएं हरियाली
रिश्ते में टूट जाएगी सभी दरारें
रिश्ते में स्वतः आ जायेगी लाली।।

परिचय :- ललित शर्मा
निवासी : खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
संप्रति : वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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