Tuesday, January 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सत्य के पैर नहीं होते

डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)

********************

ईश्वर सत्य, सत्य ही ईश्वर
ईश्वर का अर्थ जो न हो नश्वर
सत्य अडिग खड़ा रहता है
उसे छुपाया जा सकता हैं
नहीं भगाया जा सकता है
सत्य के पैर नहीं होते।
मृत्यु हो या मानव
पर्वत धरती या सागर
ग्रह नक्षत्रों का मंडल
इन्हें डिगाया नहिं जा सकता है
सत्य के पैर नहीं होते।
पाताल अटल है नीचे
ऊपर छाया है अंबर
दसों दिशाएं अचल खड़ी हैं
एक दूसरे के सब संबल
इन्हें चलाया नहिं जा सकता है
सत्य के पैर नहीं होते।
एवरेस्ट की चोटी, मानसरोवर
गंगोत्री का नीर, जलधि की राशि
देते जीवन, काल सनातन
गगन से शीतलता देता शशि
इन्हें हटाया नहिं जा सकता
सत्य के पैर नहीं होते।
आज नहीं तो कल
वर्तमान न ही सही
अतीत हो जाने पर
सच आता है पल पल
मिले चिह्न हैं, घर संभल।
इन्हें दबाया न जा सकता है
ईश्वर सत्य, सत्य ही ईश्वर
सत्य के पैर नहीं होते।

परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान
सर्टिफिकेट कोर्स : फ़्रेंच व गुजराती।
पुनः मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं तथा प्रायः देश भक्ति की कविताएं लिखती हूं जो कि समय की‌ मांग भी‌ है। आजकल देशभक्ति लुप्तप्राय हो गई है। इसके पुनर्जागरण के लिए प्रयत्नशील हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु  राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈…  राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *