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अनजाना रिश्ता

श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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एकाएक जिंदगी में
अनजान सा कोई आता है,
जो दोस्त भी नहीं,
हमसफ़र या हमराज़ भी नहीं
फिर भी उस से एक
अनोखा रिश्ता जुड़ जाता है !!

उस के साथ सुख दुःख
साझा करने का दिल करता है,
वो सब कुछ सुनता
और समझना चाहता है !
हमारी उलझने उसके पास
आके कहीं भटक जाती हैं,
कुछ पल जिंदगी के
सूकून से कट जाता है
वो अनजाना होकर भी
दिल के करीब बस जाता है !!

उस रिश्ते का कोई नाम नहीं
उस रिश्ते को नाम के
बंधनों से दूर ही रखा है,
वो सबकी खुशी में खुश और
बहते आंसुओं के दर्द
को समझता है !!

कोई अधिकार नहीं
उसके जीवन पर हमारा,
फिर भी उस पर हक
जताने को दिल करता है !
वो खुदा की बनाईं प्रकृति
का अनमोल हिस्सा है,
उसका लाड दुलार हमसे
उसके लिए कुछ करने
का संकल्प दिलाता है !

वो और कोई नहीं
खुदा का प्रतिनिधि है
जो “हर रंग-रूप मे
मन को लुभाता है
उसकी सेवा से लोक
परलोक सुधर जाता है,
अपने आसपास ही उसका
ठिकाना मिल जाताहै
वो “एक जीव,
एक जानवर” कहलाता है!!

परिचय :- श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
पति : श्री राकेश कुमार चतुर्वेदी
जन्म : २७ जुलाई १९६५ वाराणसी
शिक्षा : एम. ए., एम.फिल – समाजशास्त्र, पी.जी.डिप्लोमा (मानवाधिकार)
निवासी : लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “जीवदया अंतर्राष्ट्रीय सम्मान २०२४” से सम्मानित
विशेष : साहित्यिक पुस्तकें पढ़ने के शौक ने लेखन की प्रेरणा दी और विगत ६-७ वर्षों से अपनी रचनाधर्मिता में संलग्न हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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