Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

आखिर किसे स्वीकार है (ताटंक)

विजय गुप्ता “मुन्ना”
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
********************

जानकर अंजान बनना तो खुद का दारोमदार है।
पर अन्य को दोषी बताना, आखिर किसे स्वीकार है।
समय_प्रवाह संग बह जाना, किसका दिया उपहार है।
क्षमता नियंत्रण पहचान का बस नाम मुन्ना रफ्तार है।

जनहित कल्याण मार्ग खातिर धरातल वाली सोच हो।
यथेष्ठ दायित्व पालन में, धृष्टता का ना लोच हो।
रहे लाभार्थी पर नजर यूं, उसको तनिक ना मोच हो।
भान सदा गरीब को होता, जब कष्टों की भरमार है।
पर अन्य को दोषी बताना, आखिर किसे स्वीकार है।
समय_प्रवाह संग बह जाना, किसका दिया उपहार है।

शोर छिपा है अरमानों में, अलग तादाद ही बसता।
जगमग दिव्य रोशनी में भी, खामोशी से सब सहता।
सुखदुख सचझूठ मध्य बैठा, प्रदर्शन से घिरा रहता।
पांच सदी पश्चात त्रेतायुग सा अयोध्या दरबार है।
पर अन्य को दोषी बताना , आखिर किसे स्वीकार है।
समय_प्रवाह संग बह जाना, किसका दिया उपहार है।

विद्वान साहस बल वरदानी, अहंकार को जगा दिया।
तीन लोक स्वामी भी भूला, मां सीता को भगा दिया।
अलख निरंजन कहनेवाला, ज्ञान लक्ष्य से दगा किया।
माना ज्ञान सदा रावण ने, श्री राम हरि अवतार हैं।
पर अन्य को दोषी बताना, आखिर किसे स्वीकार है।
समय_प्रवाह संग बह जाना, किसका दिया उपहार है।

जानकर अंजान बनना तो खुद का दारोमदार है।
पर अन्य को दोषी बताना, आखिर किसे स्वीकार है।
समय_प्रवाह संग बह जाना, किसका दिया उपहार है।
पहचान क्षमता नियंत्रण का बस नाम मुन्ना रफ्तार है।

परिचय :- विजय कुमार गुप्ता “मुन्ना”
जन्म : १२ मई १९५६
निवासी : दुर्ग छत्तीसगढ़

उद्योगपति : १९७८ से विजय इंडस्ट्रीज दुर्ग
साहित्य रुचि : १९९७ से काव्य लेखन, तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल जी द्वारा प्रशंसा पत्र
काव्य संग्रह प्रकाशन : १ करवट लेता समय २०१६ में, २ वक़्त दरकता है २०१८
राष्ट्रीय प्रशिक्षक : (व्यक्तित्व विकास) अंतराष्ट्रीय जेसीस १९९६ से
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *