Wednesday, October 16राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

क्या रावण मर गया बता दो?

अंजनी कुमार चतुर्वेदी “श्रीकांत”
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
********************

मिलकर उसे जलाया सबने,
ठोक रहे निज छाती।
क्या रावण मर गया बता दो,
लाज नहीं क्यों आती?

पुतला एक विशाल बनाकर,
दस सिर उसे लगाए।
राम बने बालक ने पल में,
लंकाधीश जलाए।

रावण जला, गिरा धरती पर,
खड़ा हुआ पल भर में।
मुझे जलाने से क्या होगा,
रावण हैं घर-घर में?

जिसने मुझे जलाया उस पर,
प्रकरण हैं थाने में।
छेड़ चुका कई बार बच्चियाँ,
सकुचाता आने में।

राम बने बालक से पूछा,
क्यों कर मुझे जलाया?
देखे नहीं आचरण खुद के,
मुझे जलाने आया।

हो गंभीर बताया उसने,
मिलकर तुझे जलाते।
दोष ढाँक लेते सब अपने,
पापी तुझे बताते।

दोषारोपण करें और पर,
दोष न देखें अपने।
मुझे जला, अच्छे बनने के,
खूब देखते सपने।

गुस्से में रावण झल्लाया,
मैं सीता हर लाया।
मेरी पुष्प वाटिका में पर,
फिर भी कष्ट न पाया।

पावनता पर आँच न आई,
रही सुरक्षित सीता।
राम विरह में, दुख के कारण,
समय कष्ट में बीता।

आँख उठाकर कभी न देखा,
बुरी नियत ना डाली।
फिर भी नहीं देखते हो तुम,
निज करतूतें काली।

सरे राह जाने में बेटी,
तुम सबसे है डरती।
देख नीच हरकत तुम सबकी,
मन में आहें भरती।

बहू बेटियाँ नहीं सलामत,
पाप स्वयं करते हो।
करके छेड़छाड़ बेटी सँग,
नयन नीर भरते हो।

बहू बेटियाँ रहें सलामत,
उनकी लाज बचाना।
अंदर के रावण को मारो,
फिर तुम मुझे जलाना।

करो दफन अंदर का रावण,
राम तुम्हीं बन जाना।
जीवन में फिर नहीं पड़ेगा,
रावण तुम्हें जलाना।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी “श्रीकांत”
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *