Friday, November 15राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

नैया का खिवैया शिक्षक

मोहर सिंह मीना “सलावद”
मोतीगढ़, बीकानेर (राजस्थान)
********************

रोज सुबह मिलते है इनसे,
क्या हमको करना है, ये बतलाते हैं।
ले के तस्वीरें इन्सानों की,
सही गलत का भेद हमें, ये बतलाते हैं।
कभी डांट तो कभी प्यार से,
कितना कुछ हमको, ये समझाते हैं।
है भविष्य देश का जिन में,
उनका सबका भविष्य, ये बनाते हैं।
है रंग कई इस जीवन में,
रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते हैं।
खो ना जाएं भीड़ में कहीं हम,
हम को हम से ही, ये मिलवाते हैं।
हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची,
ऐसा एहसास, ये करवाते हैं।
कोशिश करते रहना हर पल,
जीवन का अर्थ हमें, ये बतलाते हैं।
देते है नेक मंजिल भी हमें,
राह भी बेहतर हमे, ये दिखलाते हैं।
देते है ज्ञान जीवन का,
काम यही सब है इनका,
ये शिक्षक कहलाते हैं।
आदर्शों की मिसाल बनकर,
बाल जीवन संवारता शिक्षक
सदाबहार फूल-सा खिलकर,
महकता और महकाता शिक्षक
नित नए प्रेरक आयाम लेकर
हर पल भव्य बनाता शिक्षक
संचित ज्ञान का धन हमें देकर,
खुशियां खूब मनाता शिक्षक
पाप व लालच से डरने की,
धार्मिक सीख सिखाता शिक्षक
देश के लिए मर मिटने की,
बलिदानी राह दिखाता शिक्षक
प्रकाश पुंज का आधार बनकर,
कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक
प्रेम सरिता की बनकर धारा,
नैया पार लगाता शिक्षक।

परिचय :-  मोहर सिंह मीना “सलावद”
निवासी : मोतीगढ़, बीकानेर (राजस्थान)
सम्प्रति : वरिष्ठ अध्यापक, रा.उ.मा.वि. बीकानेर (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *