Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दर्द की चीखें

किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
********************

क्या भ्रूण में मर जाऊं?
क्या जन्म ना ले पाऊं?
कैसी घड़ी कैसा समय,
क्या बंद कमरे में रह जाऊं।
क्या दोष किया मैंने विधाता?
इस धरती पर बोझ में बन बैठी,
रावण दुशासन एक ही थे
अब हजार दुशासन बन बैठे।
धरती से जन्मी सीता को
धरती में समाना पड़ता है,
अत्याचारों का जीवन देखो
द्रोपती को सहना पड़ता है।
त्रेता में एक कृष्ण जन्मे
अब कलयुग में हजार
कृष्ण को जन्म ना होगा।
अपनी सुरक्षा अपना बचाव
क्या जन्म से बेटी कर लेगी?
अबोध नादान नासमझा जो बेटी है,
कैसे कंस के हाथों बचनी होगी।
संस्कार सभ्यता शिक्षा में
बदलाव जरूरी है भारत में,
गीता पुराण भागवत की
शिक्षा गुरुकुल जरूरी है भारत में।
विचार क्रांति ही है सुरक्षा,
विचारों की प्रधानता हो प्रबल,
तभी सुरक्षित रह पाएगी
भारत माता और भारत की बेटी।
पूजनीय वंदनीय हम समझे,
सीता राधा दुर्गा हम समझे,
उसकी शक्ति को पहचाने
उसकी भक्ति को पहचाने,
कभी हाथ में फूल है उसके
कभी हाथ में तलवार वह थामें।
दे दो इजाजत बहनों को
अपनी सुरक्षा स्वयं करें,
पुरस्कार अब नहीं हाथों में
“बंदूक तलवार” ही शोभा बने।
कब तक दुशासन खींचेगा साड़ी?
कब तक महाभारत (कोर्ट)
नई-नई रचते ये रहेंगे,
कहां-कहां सुरक्षा तुम करोगे
पग-पग पर पैदा हो रहे रावण।
सीता कहां सुरक्षित है तुम
कहां-कहां खींचोगे लक्ष्मण रेखा?
इस आधुनिकता के हे
युग में आत्मनिर्भर हो सीता।
बहुत सोए अब तो जागो
कलयुग का यह प्रथम चरण है भाई।
चार चरण में क्या यहां होगा
बड़ा विचारणीय प्रश्न है भाई।
बड़ी योजना हमे बनानी,
नहीं तो इस तरह छलती ही रहेगी
भारत की नारी बेटी भाई।

परिचय : किरण पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स
व्यवसाय : बिजनेस वूमेन
विशिष्ट उपलब्धियां :
१. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित
२. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित
३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२४” से सम्मानित
४. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना
रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *