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परिवर्तन का आगाज

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)
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आओ सौपे तन-मन-धन
और जीवन को
नव प्रयत्न, नव सृजन
और परिवर्तन को
परिवर्तन ऐसा कि
जिसमें असर हो
प्रखर हो,
परिवर्तन ऐसा कि जो
यकिनन परिवर्तन हो
परिवर्तन का आगाज हुआ
वह हमसे दूर नहीं
पर हमारे पास हुआ
बालोद आयोजित
समाजिक कार्यक्रम
सफलता पूर्वक आगाज हुआ
जहां विशाल जनसंख्या लिए
सामाजिक बंधुओं का आगमन व
जनहित सुकृत काज हुआ
परिवर्तन जिसका आगाज़ हुआ
जिस भांति विकट
परिस्थितियों में भी
राम दूत बनकर घर-घर जाकर
समाजिक संगठन की
महत्ता का संचार किया
धीरे-धीरे लोगों में
जागरूकता आई
समाज को जागृत कर
नई कीर्तिमान स्थापित करने का
सर्वजन में आशा कि नई किरण छाई
और फिर सबने मिलकर विचार किया
समाज में क्रांति लाए कैसे ?
संगठित समाज की
महत्ता सब को बताए कैसे
फिर मंनथन से निर्णय निकला
जहां-तहां समाजिक बन्धु का निवास है
वहां समाजिक हितों पर काज हो
जागरुक सर्व जन होए
भरसक ऐसा प्रयास हो..
फिर समाज के लोगों ने कहा कि
साथ चलेगा सभी
सामाजिक बंधु जन
श्रैष्ठ समाज के निर्माण
का आगाज करेगा
सभी सामाजिक बंधु जन
कल तक थी चुनौतियां
असंगठित को संगठित करने का
पर आज इसका हल
हम सबके सामने है
ब्रम्हभट्ट समाज का
प्रतिफल हमारे सामने है
आओ सब मिलकर
अपने सपने को साकार करें
संगठन की महत्ता को
हम मिलकर स्वीकार करें…

परिचय :- खुमान सिंह भाट
पिता : श्री पुनित राम भाट
निवासी : ग्राम- रमतरा, जिला- बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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