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मैं बदल रहा हूं …

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)
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मेरे जाने या अंजाने में कोई
गलतियां गर हुआ है
उसका अफसोस है
मैं उन गलतियों से
बहुत कुछ सीख रहा हूं
मैं हरदम परेशानी का
कारण हुआ करता था
अब ये गलतियां
न हो पाये दोबारा
इसका बेहतर
विकल्प ढूंढ रहा हूं
लाख आये राह में कांटे
उन कांटों में भी सुंदर
फूल ढूंढ रहा हूं
जिम्मेदारी के बंधन में
बंध जाऊ इस कदर
कि मेरे अपने भी कभी
न हो पाए तर-बतर
मेरे उन सारी हरकतों को
अब विराम कर रहा हूं
दुनिया में इस प्रेम से बंधे रिश्ते
का जो हमें दर्जा दिऐ हो
मैं उसे बेहतर ढंग से निभा सकूं
अब उसका मैं सूत्र ढूंढ रहा हूं
मैं बदल रहा हूं …

परिचय :- खुमान सिंह भाट
पिता : श्री पुनित राम भाट
निवासी : ग्राम- रमतरा, जिला- बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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