Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जिंदगी खंडहरों में

डॉ. भगवान सहाय मीना
जयपुर, (राजस्थान)
********************

बिखरी हुई छोटी-छोटी खुशियों को,
नजरंदाज करके,
उलझी पड़ी है जिंदगी खंडहरों में।
बेलगाम इच्छाएं, मुंह बाए खड़ी मौत सी,
पाने की जद्दोजहद तिल तिल तनाव में।
परिवार समाज को छोड़कर,
अपनी नज़र से कभी खुद को देखो,
तुम खुद पर फ़िदा हो जाओगे।
धूल जम गई है हजारों सपनों पर,
उन सपनों को बुनने लग जाओगे।
एक बार फिर से सुन लिजिए,
ध्यान मग्न मुनियों से,
भर यौवन बहती नदी की कल-कल को।
खिल उठोगे अबोध बालक से,
चिंता को किनारे लगा,
क्षण भर निहारे खिलते फूलों को।
तितली के सुनहरे पंखों सी जिंदगी,
गुनगुना ने दो भ्रमर को,
गाने दो मन की कोयल को।
संघर्ष और जिजिविषा,
पहाड़ों की तलहटी में नदी से,
सीख ले पत्थरों को चीरना।
डूबने का डर छोड़कर जान ले,
पानी के वक्ष पर नाव से चलना।
कभी सुनो तो सही,
बाग में बैठकर शांति से,
खेलते बच्चों की खिलखिलाहट।
फिर से जीने, तनाव से मुक्त हो,
देखिए उषा की लालिमा,
नीम की कड़वी सघन छाया में,
चिड़ियों की चहचहाहट।
विस्मित होगी मस्तिष्क से,
आज और कल की चिंता,
खुशी लहकेगी सावन सी।
मुस्कुरा उठेंगी जिंदगी,
भरी दुपहरी फागुनी,
रात रजनीगंधा सी।

परिचय :- डॉ. भगवान सहाय मीना (वरिष्ठ अध्यापक राजस्थान सरकार)
निवासी : बाड़ा पदम पुरा, जयपुर, राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *