प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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सरसी छन्द
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देखो तो चुनाव है आया, करें सभी मतदान।
पहले अपना कर्म निभाएँ, फिर ही हो जलपान।।
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अब चुनाव तो पावन आया, जाएँ सब ही जाग।
रखना सबको वोटिँग के प्रति, सतत गहन अनुराग।।
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निर्वाचन का शंख बजा है, बेशक़ीमती वोट।
अपना कर्म नहीं कर पाए, तो ख़ुद पर ही चोट।।
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चलो उठो सबको है जाना, बुला रहा मतदान।
अपना वोट सही को देंगे, करें पूर्ण अरमान।।
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सबको ही तो फर्ज़ निभाना, लेकर के उल्लास।
तभी सभी की निश्चित होगी, मन की पूरी आस।।
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मम्मी-पापा को करना है, अब की फिर मतदान।
दर्ज़ हो गए जो सूची में, उनका हो जयगान।।
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युवा,प्रौढ़ सारे नर-नारी, करें सुपावन कर्म।
लोकतंत्र ताक़त पायेगा, वोट बना है धर्म।।
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आलस्य को सारे ही त्यागें, बूथ नहीं है दूर।
शत-प्रतिशत वोटों से आए, लोकतंत्र में नूर।।
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संग पड़ोसी लेकर जाएँ, तभी मनेगा पर्व।
होता है मतदान अनोखा, करना सबको गर्व।।
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अपने हाथों हमें बनानी, फिर अपनी सरकार।
हट जाएगा सकल अँधेरा, फैलेगा उजियार।।
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बिना किसी उलझन के डालें, निर्भय होकर वोट।
अगर आज इससे हम चूके, होगी हम में खोट।।
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वोट डालने हमने पाया, इस दिन का अवकाश।
हमको घर से चलकर जाना, कर ढीलापन नाश।।
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दादा-दादी को ले जाना, सबका होना वोट।
समय और तारीख न भूलें, कर लें दिन को नोट।।
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पाँच साल में आया मौक़ा, करें न बिलकुल भूल।
लोकतंत्र की हिल जाएगी, वरना भाई चूल।।
जन्म : २५-०९-१९६१
निवासी : मंडला, (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.ए (इतिहास) (मेरिट होल्डर), एल.एल.बी, पी-एच.डी. (इतिहास)
सम्प्रति : प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष इतिहास/प्रभारी प्राचार्य शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
प्रकाशित रचनाएं व गतिविधियां : पांच हज़ार से अधिक फुचकर रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण : रेडियो, भोपाल दूरदर्शन, ज़ी-स्माइल, ज़ी टी.वी., स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी., साधना चैनल से प्रसारण।
संपादन : ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं/विशेषांकों का सम्पादन। एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : देश के लगभग सभी राज्यों में ७०० से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन। म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड (५१०००/ रु.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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