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नवमी तिथि मधुमास पुनीता

डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)

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राम जन्मदिन शुभ अवसर है
जनगण मन उत्सव सा प्लावित है
राम हैं भारत कीआत्मा
नर रूप धरा आये परमात्मा
ये भारत के प्राणपुरुष हैं
राम हैं मर्यादा, हाथ धनुष है।
जब घायल हो भारत माता
क्षत विक्षत हो मर्यादा
भारत की अस्मत पानी होती
और धर्म की हानि होती
धरणी तब आवाहन करती
मनुष्य रूप आयें तब धरती
भारत धरती करे पुकार
राम रूप आये अवतार
राम पे कोई न चक्र चले
प्रत्यंचा पर जब तीर चढ़े
संकेत राम का है आना
युद्ध न्याय का जीता जाना।
रामलला की छवि हर मन है
राम बसे जन जन के हिय हैं
राम धरे धनुसायक हैं
राम हमारे नायक हैं
आस्था, मन, अंतःकरण
पर्याय राम भारत के जीवन
राम बिना नहि कुछ स्वीकार
राम हैं प्राणों के उद्धार
भक्त तुम्हारे तुम्हरे द्वार
तुम्हें नमन है बारंबार
तुम्हें नमन है बारंबार।।

परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान
सर्टिफिकेट कोर्स : फ़्रेंच व गुजराती।
पुनः मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं तथा प्रायः देश भक्ति की कविताएं लिखती हूं जो कि समय की‌ मांग भी‌ है। आजकल देशभक्ति लुप्तप्राय हो गई है। इसके पुनर्जागरण के लिए प्रयत्नशील हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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