Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

राम अवध हैं लौटते

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
********************

वायु सुगंधित हो गई, झूमे आज बहार।
राम अवध हैं लौटते, फैल रहा उजियार।।

सरयू तो हर्षा रही, हिमगिरि है खुश आज।
मंगलमय मौसम हुआ, धरा कर रही नाज़।।
सबके मन नर्तन करें, बहुत सुहाना पर्व।
भक्त कर रहे आज सब, इस युग पर तो गर्व।।
सकल विश्व को मिल गया, एक नवल उपहार।
राम अवध हैं लौटते, फैल रहा उजियार।।

जीवन में आनंद अब, दूर हुई सब पीर।
नहीं व्यग्र अंत:करण, नहीं नैन में नीर।।
सुमन खिले हर ओर अब, नया हुआ परिवेश।
दूर हुआ अभिशाप अब, परे हटा सब क्लेश।।
आज धर्म की जीत है, पापी की तो हार।
राम अवध हैं लौटते, फैल रहा उजियार।।

आज हुआ अनुकूल सब, अधरों पर है गान।
आज अवध में पल रही, राघव की फिर आन।।
आतिशबाज़ी सब करो, वारो मंगलदीप।
आएगी संपन्नता, चलकर आज समीप।।
बाल-वृद्ध उल्लास में, उत्साहित नर-नार।।
राम अवध हैं लौटते, फैल रहा उजियार।।

जीवन अब अनुरागमय, सधे सभी सुर आज।
प्रभु राघव का हो गया, हर दिल पर तो राज।।
भक्तों ने हनुमान बन, किया राम का काज।
दुष्टों पर आवेग में, गिरी आज तो गाज।।
साँच और शुभ रीति से, चहके हैं घर-द्वार।।
राम अवध हैं लौटते, फैल रहा उजियार।।

तुलसी बाबा खुश हुए, त्रेता का यह दौर।
सारे सब कुछ भूलकर, करें राम पर गौर।।
दौड़ रहे साकेत को, बोल रहे जय राम।
प्रभुदर्शन में बस गया, दिव्य ललित आयाम।।
आओ राघव! आपका, बार-बार सत्कार।
राम अवध हैं लौटते, फैल रहा उजियार।।

परिचय :- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
जन्म : २५-०९-१९६१
निवासी : मंडला, (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.ए (इतिहास) (मेरिट होल्डर), एल.एल.बी, पी-एच.डी. (इतिहास)
सम्प्रति : प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष इतिहास/प्रभारी प्राचार्य शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
प्रकाशित रचनाएं व गतिविधियां : पांच हज़ार से अधिक फुचकर रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण : रेडियो, भोपाल दूरदर्शन, ज़ी-स्माइल, ज़ी टी.वी., स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी., साधना चैनल से प्रसारण।
संपादन : ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं/विशेषांकों का सम्पादन। एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : देश के लगभग सभी राज्यों में ७०० से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन। म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड (५१०००/ रु.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *