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बदलियां गल्ला

डॉ. राजीव डोगरा “विमल”
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
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(पहाड़ी कविता)

अज्ज कल बदलना लग्गियां
तेरियां गल्लां
तेरे शहरे दे मौसमे सैंई।

अज्ज कल बदलना लग्गा।
तेरा अंदाज
गिरगिटे दे रंगे सैंई।

अज्ज कल बदलना लग्गा
तेरा प्यार
तेरे रुसदे चेहरे सैंई।

अज्ज कल बदलना लग्गा
तेरा व्यवहार
तेरियां नजरा सैंई।

अज्ज कल बदलना लग्गे
तेरे जज्बात
तेरे लफ्जां सैंई।

अज्ज कल बदलना लग्गी
मेरी अहमियत
तेरी बदलिया सोच्चा सैंई।

परिचय :-  डॉ. राजीव डोगरा “विमल”
निवासी – कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
सम्प्रति – भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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