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लिखो पढ़ो, आगे बढ़ो

गोविन्द सरावत मीणा “गोविमी”
बमोरी, गुना (मध्यप्रदेश)
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लिखो पढ़ो, आगे बढ़ो,
करो प्रगति पथ प्रस्थान !!
खिलते अदभुत ज्ञान पुष्प
होती सुरभित गली-गली।
रहते स्नेहाक्त भाषा-बचन,
खिले क्षमा की कली-कली
आदर-अनुनय औ आदर्श,
पाते कदम-कदम मान !
लिखो पढ़ो, आगे बढ़ो,
करो प्रगति पथ प्रस्थान !!
सत्य-अहिंसा, न्याय-प्रेम की
मिलती है शिक्षा से ही सीख।
जहां मिले, जिससे से मिले
लेना, मांग ज्ञान की तू भीख।
शिक्षित हो, करना सब शिक्षित,
रहे न शेष अज्ञान !
लिखो पढ़ो, आगे बढ़ो,
करो प्रगति पथ प्रस्थान !!
शिक्षा है दुध शेरनी का,
जिसने भी पिया दहाड़ा है।
शिक्षित मानव ने ही धरा से
अनीति-अधर्म पछाड़ा है।
अधिकारों औऱ कर्तव्यों के
साथ जगाना स्वाभिमान !
लिखो पढ़ो, आगे बढ़ो,
करो प्रगति पथ प्रस्थान !!
जाओ मेरे आंखों के तारे,
पढ़ लिखके रोशन नाम करो।
कर ह्रदयंगम मानव धर्म तुम,
मानवार्थ हर सदकाम करो।
करे नाज़ मानवता तुम पर,
धरती करे अभिमान !
लिखो पढ़ो, आगे बढ़ो,
करो प्रगति पथ प्रस्थान !!

परिचय :- गोविन्द सरावत मीणा “गोविमी
निवासी : बमोरी जिला- गुना (मध्यप्रदेश)

घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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