विजय गुप्ता “मुन्ना”
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
********************
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ब्रम्हांड में शून्य स्थान नहीं कभी रहता,
दिव्य चेतना से परिपूर्ण हर कोना ज्ञान भंडार चमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
अनंत चेतना है शाश्वत शिव प्रथम गुरु,
स्वयं-भू शिव के दो नेत्र सूर्य चंद्र तीसरा विवेक नयन।
भूत वर्तमान भविष्य स्वर्ग मृत्यु पाताल,
त्रिलोक स्वामी भोले भक्ति में दास भक्त करते जतन।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
देवी सती स्मृति वश देह पर भस्म रमाते,
शिव आभूषण भस्म के भस्मी तिलक में भक्त भजन।
नागराज वासुकी बने सागर मंथन रस्सी,
नागसर्प माला भी गहना शिव शंकर को भाए गहन।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
नंदी स्वरूप में शिव ने ही अवतार लिया,
कठोर तपस्या से नंदी सवारी महादेव यात्रा का वचन।
शिव पार्वती प्रेम प्रतीक पहनते मुंडमाला,
शिव राम उपासक परस्पर भक्ति ध्यान में रहते मगन।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
इच्छा क्रिया ज्ञान शक्ति त्रिशूल धारी का,
सत्व, रज, तम गुणों का न्याय भी और महा नियंत्रण।
सृष्टि संकट मिटाने हलाहल विष भी पिया,
तपते तन को सीतल करने शिव भाल बैठते चंद्र चरन।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
सत्यम शिवम सुंदरम हैं खुद महाकाल,
राम ही शिव है जानो, राम नाम सत्य सदा जगत वहन।
रावण जैसे परम ज्ञानी भक्त काट रखते,
अंत काल भवसागर से बेड़ा पार करते जीव का शमन।
भागीरथ तप से मां गंगा का शिव जटाओं में अवतरण।
शिव का नाम जगत में सबसे छोटा पर,
देवों के देव महादेव ही शिव अखंड श्रद्धा पूर्ण नमन।
ज्यतिर्लिंगों से शंख आकृति रचेता बम बम लहरी।
परिचय :- विजय कुमार गुप्ता “मुन्ना”
जन्म : १२ मई १९५६
निवासी : दुर्ग छत्तीसगढ़
उद्योगपति : १९७८ से विजय इंडस्ट्रीज दुर्ग
साहित्य रुचि : १९९७ से काव्य लेखन, तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल जी द्वारा प्रशंसा पत्र
काव्य संग्रह प्रकाशन : १ करवट लेता समय २०१६ में, २ वक़्त दरकता है २०१८
राष्ट्रीय प्रशिक्षक : (व्यक्तित्व विकास) अंतराष्ट्रीय जेसीस १९९६ से
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.