Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जरे आदमी

राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
********************

(छत्तीसगढ़ी)

वइसे तो दूध के जरे आदमी ह
दही घलो ल फूंक के पिथे,
फेर कोनो धियान नइ देवय के
गरीब शोसित आदमी ह
का का सहि के जिनगी जींथे,
वो तो गरीबी के आगी म
रोज के रोज जरत रथे,
उपर ले जात के अपमान
कोनो ल कुछु नइ कहय फेर
भितरे भीतर धधकत मरत रथे,
कतका घिनक बेवस्था बनाय हें
मनुस के घटिया रहबरदार मन,
बिन काम बुता करे बने हे ऊंच
अउ काम कर कर के मरत हे
निच कहा जरोवत हे अपन तन,
बेसरमी ल ओढ़ रात दिन
जात पात के नाव म सतावत हें,
जानवरपना भरे हे ओकर तन मन म
रोज रोज छिन छिन जतावत हें,
आदमी जरे तो हे फेर मरे नइ हे,
का डर हे के पलटवार करे नइ हे,
जे दिन एमन जुर मिल एक हो जाहि,
सासन सत्ता अपन हाथ म लाय के
बिचार नेक हो जाहि,
जे दिन अदरमा इंखर फाट जाहि,
ओही दिन अपन बिरूध बने
सबो अमानवीय बेवस्था ल काट जाहि।

परिचय :-  राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष प YouTubeर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *