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इंद्रधनुष सा सतरंगी जीवन

डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)

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सात रंगों का
सम्मिश्रण
रवि की किरणों
का संप्रेषण
जीवन है इंद्रधनुष
सा सम्मेलन।

एक रंग लाता
जीवन में वीरानी
सब रंगों ने ईश्वर
की कृति में
मिलजुल कुछ
करने की ठानी।

सभी वर्ण
अपने-अपने
गुण-वाहन
लेकर आए
सभी गुणों का
संदेशा लाये।

रंग जामुनी निष्ठा
औ स्थाई भाव का
रंग बैंगनी मनन,
ध्यान और मनुजता
नीलवर्ण इच्छाशक्ति,
मान, धैर्य, शालीनता।

पुष्प, खेत, वृक्ष,
वैभव के दर्शन
हरियाली हरा
रंग ले आता है
सबके हिय
को हर्षाता है।

पीतवर्ण विद्या, बुद्धि,
प्रतीक ज्ञान का
नारंगी में ईश्वर का
आशीष छुपा ,
उत्साह, शक्ति, गांभीर्य,
संतुलन संयम का।

लाल रंग में ऊर्जा
औ उल्लास भरा है
रक्तसंचरण की
भांति जीवन में
भाव निरंतर
चलते जाने का है।

सभी रंग इंद्रधनुष के
कुछ न कुछ दे जाते हैं
आस निराश, उतार चढ़ाव,
धूप छांव में जीवन के
धैर्य भाव से चलते रहने का,
ले संदेशा आते है।

परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान
सर्टिफिकेट कोर्स : फ़्रेंच व गुजराती।
पुनः मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं तथा प्रायः देश भक्ति की कविताएं लिखती हूं जो कि समय की‌ मांग भी‌ है। आजकल देशभक्ति लुप्तप्राय हो गई है। इसके पुनर्जागरण के लिए प्रयत्नशील हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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