Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बिगड़े न बातों में बात

ललित शर्मा
खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
********************

कभी-कभी समझ में
नहीं आती बात
समझ के फेर में
उलझ जाती बात
कभी-कभी बिगड़ी बात
तिल का ताड बनकर
लाइलाज बन जाती
जीवन जीने की बात
बिगड़े काज
सुधार भी जाती
कुछ अच्छी बात
जीवनभर जुबान पर
कायम रहती अच्छी बात
सबसे भारी पड़ जाती
जीवन में कई कड़वी बात
बिना बुलावे अक्सर
कई कारणों में कई बार
जुबान पर चली आती है
कुछ चुभती बात
बीमारी सी हालात
कर देती है बात ही बात
कभी कभी मन को
बेचैन कर जाती
जीवन जीने की बात
फिर भी शांति
सगुन भरने की
समझ से परे रहती
जीवन जीने की बात
नहीं समझ आती
जीवन जीने की बात
कोई राह नहीं नजर आती
बात ही बात में
बिगड़ती जाती
बात में बात
तिल से ताड में
उलझ जाती
जीवन जीने
की तमाम बात
कभी कभी खुशियां
लाती बात
कभी मातम
ले आती बात
आती चली जाती
आती चली जाती
कभी कभी दुश्मनी
की दीवार खड़ी करती
उलझी बात ही बात
प्राणों पर भारी पड़ती
जानलेवा हमला
कराती बात
जीवन जीने में
भारी पड़ जाती
हरदम खतरा मोल
देती बात ही बात
न मंडराए अंदर से
कभी भी अनर्गल
फिजूल बात
बात ही बात में
सोचने में किसी को
कभी न करे आघात
कभी भी न कोई
तिल का ताड बनाये
बात कहने में रहे हरदम
खुद पे खुद बात
करे साफ-साफ
भाव विचार में
भरकर मिठास
जीवन में मधुरता रहे
बात बात में हम
रहे सच और बात में रहे
साफ-साफ

परिचय :- ललित शर्मा
निवासी : खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
संप्रति : वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *