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ये पल ये दिन तुम याद रखना यारो

मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
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ये पल ये दिन तुम याद रखना यारो
हम रहे ना रहे खयाल रखना यारो

एक पल का भरोसा हमारा नहीं
सपना मेरा तुम संभाल रखना यारो

कोई कब तुमसे अलविदा कह जाए
ख़ुदा के लिये तुम तैयार रखना यारो

गीत खुशियों के गाकर तुम अपने
दिल मे सपना संभाल रखना यारो

दुखी न हो कोई मुफ़लिसी में कोई
गीरे न ऑसू तुम रूमाल रखना यारो

विश्व हमारे चरण छूए यूगो यूगो तक
हाथो मे ऐसा तुम चराग रखना यारो

स्नेह हो अपनत्व हो जीवन तत्व हो
सब के प्रती हृदय दयाल रखना यारो

गम की आग मे जल न पाए कोई भी
अपनी राहो मे ऐसी चाल रखना यारो

कत्ल न हो पाएं अपनी नज़र से यारो
ऑखो मे ऐसी जलाल रखना यारो

सर्वेभवन्तूसूखीन की भावना लिये हो
सदा साथ ऐसी मिशाल रखना यारो

आज मिलकर इक संकल्प ले ‘मोहन’
संकोच का,तुम न सवाल रखना यारो

परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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