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महानायक बाबा साहब

हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’
डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़)
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बाबा साहब ने लिखा
विश्व का सबसे बड़ा संविधान
मानवता का अधिकार दिया
सबको एक समान।
अपनी कलम से सदियों तक
अमिट इतिहास लिखा
संविधान बनाते वक्त
दूरदर्शिता का भी ध्यान रखा।
क्या होती है कलम
की ताकत दुनिया को दिखाया
जाति-भेदभाव, छुआछूत को
पलभर में मिटाया।
जब बाबा साहब ने हक-अधिकार
का कानून बनाया
तब जाकर देश के गरीबों व
मजदूरों को सूकुन आया।
सदियों से दलितों को
पढ़ने-लिखने का अधिकार न था
आरक्षण दिया बाबा साहब ने
इसके बिना उद्धार न था।
मानवता की रक्षा के लिए
धार्मिक राष्ट्र बनने न दिया
बाबा साहब ने धर्म-निरपेक्ष
राष्ट्र का प्रस्ताव दिया।
भारत को विश्व में सबसे ऊंचा,
सबसे प्यारा महान बनाया
विविधता से भरी देश में
सबके हित के लिए विधान बनाया।
किसानों को जंमीदारो के शोषण,
अत्याचार से मुक्ति दिलाया
जमीन का मालिकाना हक
दिलाकर किसानों का शक्ति बढ़ाया।
सभी लोगों को अपनी अभिव्यक्ति
जताने का अधिकार दिया
चाहे कोई भी हो सबको अपनी
संघ बनाने का अधिकार दिया।
सदियों से जिनको सम्पत्ति
रखने का अधिकार न मिला
बाबा साहब ने उनको भी
सम्पत्ति रखने का अधिकार दिया।
सबसे पहले बाबा साहब ने
पूरे विश्व का संविधान पढ़ा
उसके बाद विश्व का सबसे
बड़ा लिखित संविधान गढ़ा।
संविधान में बाबा साहब ने
इस देश का भाग्य लिख डाला
कोई चीज छूट ल पाये इसलिए
सैंकड़ों अनुच्छेद लिख डाला।
आरक्षण देकर गरीबों को भी
राजा बनने के लायक बनाया
पूरा जीवन दूसरों के लिए
अर्पित कर महानायक कहलाया।

परिचय :-  हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’
निवासी : डंगनिया, जिला : सारंगढ़ – बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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