Sunday, December 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

महानायक बाबा साहब

हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’
डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़)
********************

बाबा साहब ने लिखा
विश्व का सबसे बड़ा संविधान
मानवता का अधिकार दिया
सबको एक समान।
अपनी कलम से सदियों तक
अमिट इतिहास लिखा
संविधान बनाते वक्त
दूरदर्शिता का भी ध्यान रखा।
क्या होती है कलम
की ताकत दुनिया को दिखाया
जाति-भेदभाव, छुआछूत को
पलभर में मिटाया।
जब बाबा साहब ने हक-अधिकार
का कानून बनाया
तब जाकर देश के गरीबों व
मजदूरों को सूकुन आया।
सदियों से दलितों को
पढ़ने-लिखने का अधिकार न था
आरक्षण दिया बाबा साहब ने
इसके बिना उद्धार न था।
मानवता की रक्षा के लिए
धार्मिक राष्ट्र बनने न दिया
बाबा साहब ने धर्म-निरपेक्ष
राष्ट्र का प्रस्ताव दिया।
भारत को विश्व में सबसे ऊंचा,
सबसे प्यारा महान बनाया
विविधता से भरी देश में
सबके हित के लिए विधान बनाया।
किसानों को जंमीदारो के शोषण,
अत्याचार से मुक्ति दिलाया
जमीन का मालिकाना हक
दिलाकर किसानों का शक्ति बढ़ाया।
सभी लोगों को अपनी अभिव्यक्ति
जताने का अधिकार दिया
चाहे कोई भी हो सबको अपनी
संघ बनाने का अधिकार दिया।
सदियों से जिनको सम्पत्ति
रखने का अधिकार न मिला
बाबा साहब ने उनको भी
सम्पत्ति रखने का अधिकार दिया।
सबसे पहले बाबा साहब ने
पूरे विश्व का संविधान पढ़ा
उसके बाद विश्व का सबसे
बड़ा लिखित संविधान गढ़ा।
संविधान में बाबा साहब ने
इस देश का भाग्य लिख डाला
कोई चीज छूट ल पाये इसलिए
सैंकड़ों अनुच्छेद लिख डाला।
आरक्षण देकर गरीबों को भी
राजा बनने के लायक बनाया
पूरा जीवन दूसरों के लिए
अर्पित कर महानायक कहलाया।

परिचय :-  हितेश्वर बर्मन ‘चैतन्य’
निवासी : डंगनिया, जिला : सारंगढ़ – बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *