
प्रमेशदीप मानिकपुरी
भोथीडीह, धमतरी (छतीसगढ़)
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एक लड़की जिसे माँ के दर्द का अहसास है
सामान्य लड़की सभी लड़कियों से खास है
जीवन दुभर पर जीने की बेशुमार आश है
एक लड़की जिसे माँ के दर्द का अहसास है
उसकी मानसिकता लड़कियों से भी भिन्न है
उसकी सोच माँ के गम से सर्वथा अभिन्न है
जिसे माँ के अंदर करनी बाप की तलाश है
एक लड़की जिसे माँ के दर्द का अहसास है
उमड़ आते है आँख मे गम के आंसू अक्सर
सोचती है क्या आयेगी खुशीयों के अवसर
कितने गम है फिर भी नवजीवन की आश है
एक लड़की जिसे माँ के दर्द का अहसास है
अजीब-2 से सवाल उसके जेहन मे उठती है
जवाब के तलाश मे खुद से भी तो रूठती है
जवाब मिलने का उसे अब भी एक आश है
एक लड़की जिसे माँ के दर्द का अहसास है
सब कुछ होकर कुछ भी तो नहीं होता है?
ऐसा इत्तेफाक दुनिया मे क्योंकर होता है?
तब से मुझे भी उसके उत्तर की तलाश है
एक लड़की जिसे माँ के दर्द का अहसास है
पिता : श्री लीलूदास मानिकपुरी
जन्म : २५/११/१९७८
निवासी : आमाचानी पोस्ट- भोथीडीह जिला- धमतरी (छतीसगढ़)
संप्रति : शिक्षक
शिक्षा : बी.एस.सी.(बायो),एम ए अंग्रेजी, डी.एल.एड. कम्प्यूटर में पी.जी.डिप्लोमा
रूचि : काव्य लेखन, आलेख लेखन, विभिन्न कार्यक्रम में मंच संचालन, अध्ययन अध्यापन
कार्य स्थल : शासकीय माध्यमिक शाला सांकरा
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