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मतलबी दुनिया

सुरभि शुक्ला
इन्दौर (मध्य प्रदेश)

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किसी को अपना
मत समझ यहाॅं
सब मतलब के साथी है
कब तुझे गिरा कर आगे बढ़ जाऍं
सारे जलाने वाले हाथ है यहाॅं

होश में होकर भी
बेहोश सारे यहाॅं
ख़ुद को बचाने में मशगूल है
तेरा रास्ता बंद कर कब
मंज़िल में खड़े हो जाऍं
सब अपना रास्ता
बनाने में लगे है यहाॅं

सब जुगाड़ू है यहाॅं
हाथ सेंक कर
तमाशा देखने वाले
हज़ारों हैं यहाॅं

तेरी ऑंख खुलेगी जब यहाॅं
तो तू किनारे पड़ा होगा
किसी और का महल
खड़ा होगा यहाॅं

बहुत हमदर्द है यहाॅं
पीछे मुड़ा की तेरा राज़
खोलने वाले खड़े है यहाॅं

मीठा बोल कर तूझे
अपना बनाएंगे यहाॅं
फिर तेरे पीछे तेरी ही
हॅंसी उड़ाएंगे यहाॅं।।

परिचय :-   सुरभि शुक्ला
शिक्षा : एम.ए चित्रकला बी.लाइ. (पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान)
निवासी : इन्दौर (मध्य प्रदेश)
जन्म स्थान : कानपुर (उत्तर प्रदेश)
रूचि : लेखन, गायन, चित्रकला
सम्प्रति : निजी विद्यालय में पुस्तकालयाध्यक्ष

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