डॉ. भगवान सहाय मीना
जयपुर, (राजस्थान)
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मैं गुलाबी नगरी जयपुर हूं।
लो अपनी कथा सुनाता हूं।
समय के स्वर्णिम पृष्ठों पर,
इतिहास बनकर अंकित हूं।
मैं सत्रह सौ सताइस में जन्मा,
सवाई जयसिंह का चित्रित हूं।
जयनगर से जयपुर बनकर,
वैभवी चरित्र नगर गुलाबी हूं।
अरावली की सुरम्य श्रृंखला,
अचल शिखरों से संरक्षित हूं।
जयगढ़ नाहरगढ़ जंतर-मंतर,
आमेर हवा महल में विकसित हूं।
सिटी पैलेस सरगासूली गलता,
सात द्वार परकोटे में विस्तारित हूं।
प्रकृति की गोद में प्रफुल्लित,
मैं गालव ऋषि की तपोभूमि हूं।
गढ़ गणेश मोतीडूंगरी विराजित,
पावन मैं तीर्थों में छोटी काशी हूं।
नगर नियोजित विश्व पटल पर,
मोहक हरियाली से आच्छादित हूं।
शील शिष्ट नैतिक मूल्यों से युक्त,
कर्तव्य परायण गुणों से भरपूर हूं।
वाशिंदे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
मैं धर्मों में गंगा-जमुनी तहज़ीब हूं।
लोक कल्याण कर्ता मैं तत्पर,
हृदय राजस्थान की राजधानी हूं।
परिचय :- डॉ. भगवान सहाय मीना (वरिष्ठ अध्यापक राजस्थान सरकार)
निवासी : बाड़ा पदम पुरा, जयपुर, राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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