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क्या गलती थी?

राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
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बुद्ध ही मिल रहा
जगह-जगह की खुदाई में,
कैसे उजाड़ा होगा सभ्यता को
दंभ और घमंड भरी लड़ाई में,
क्या कसूर था
महामानव बुद्ध का,
जिसने हमेशा विरोध किया
कत्लेआम और युद्ध का,
उसने मानव मानव
में भेदभाव मिटाया है,
दुनिया को अहिंसा और
अमन शांति की
राह दिखाया है,
जिसने भी किया होगा
शांति उपदेश, शिलालेख
और मूर्ति को नेस्तनाबूद,
नहीं रहा होगा निश्चित ही
जिसका ऐतिहासिक वजूद,
वो झूठा होगा, दंभी होगा,
झूठी शान वाला
एकदम घमंडी होगा,
नहीं सह पाया होगा
सत्य की बड़ी ताकत को,
भूल गया होगा
लोगों की शराफत को,
मिटाया होगा कुछ
इमारतों व किताबों को,
पर कैसे वो मिटा पाता
भाईचारे की रवाज़ों को,
देश बुद्ध का है हर
जगह दिखेगा वजूद,
तर्क व विज्ञान
सम्मत विचार है
फिर से होगा ही मजबूत,
विचारों को मिटाने की
जरा बताएंगे वजह
ये पाखंडों के प्रणेता,
कर गए मनमानी
उपदेशों से नहीं चेता,
क्या गलती थी
कोई तो बताए,
काल्पनिक पाखंडों
की महत्ता न सुनाए,
किसी को कितना और
कब तक गरिया सकते हो,
मानवतावादी विचार को
लाख कोशिश कर लो
नहीं छुपा सकते हो

परिचय :-  राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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