Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जिसे जो कहना है कहने दो

राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
********************

जिसे जो कहना है
कहने दो,
मुझे मेरे सांचे में
रहने दो,
मुझे क्या
करना है,
कहां जाना है,
क्या खाना है,
किन सोये हुओं
को जगाना है,
मुझे नहीं कभी
मजबूर होना है,
किन जाहिलों
से दूर होना है,
ये मुझे तय करने दो,
जमीं पर अपना
पांव खुद धरने दो,
मुझे मिली
ऐसी शिक्षा कि
सिर्फ अपना न सोचूं,
जो जा चुका है
उसके लिए
सिर न नोचूं,
शायद जरूरत हो
मेरी तनिक भी
मेरे समाज को,
पढ़ाना है, जगाना है,
तो क्यों बदलूं
अपने अंदाज को,
मजलूमों को
अपनी बातें कहने दो,
प्रगति की बयार
उनके घर तक
भी बहने दो,
जिसे जो कहना
है कहने दो,
मुझे इंसानियत,
भाईचारा, नैतिकता और
संवैधानिक सांचे में रहने दो।

परिचय :-  राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *