Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मेरी कामना

हितेश्वर बर्मन
डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़)
********************

हे नारी तुम नि:संदेह
बहुत शक्तिशाली हो,
हजारों मर्दों की भीड़ भी
तुम्हें देखकर
खामोश हो जाती है।
इतिहास में एक वीरांगना
लक्ष्मीबाई ऐसी भी थी,
जिसके सिर्फ ख्यालों से ही
पूरी नारी जाति
जोश में आ जाती है।

हे नारी तुम बहुत ही
भाग्यशाली हो,
सभी व्रतों, त्यौहारों में
सिर्फ तुम ही उपवास रहती हो।
सभी धर्मों, परंपराओं को
मर्दों ने ही बनाया है,
लेकिन तुम ही परंपराओं को
निभाती रहती हो।

हे नारी तुझमें बहुत
सहनशीलता है,
तुमनें सदियों से बहुत
यातनाएं झेली है।
कभी सती प्रथा के नाम पर
चिता में जिंदा जली है,
तो कभी दहेज के नाम पर
प्रताड़ना झेली है।

हे नारी तुम्हारे भीतर
असीम शक्ति छिपी हुई है,
तुम्हें अपनी शक्ति को नये
आयाम के साथ गढ़नी होगी।
आज दिन पर दिन
तुम पर अत्याचार हो रहें है,
अपने स्वाभिमान के खातिर
तुम्हें ज़माने से लड़नी होगी।

हे नारी तुम समस्त
मानव जाति की सम्मान हो,
तुम अपने घर परिवार
का अभिमान हो।
ढेरों जिम्मेदारियां है
तुम्हारे कंधे पर,
रिश्ते-नाते निभाने की
सर्वोपरि जिम्मेदारी तुम्हारी है
हे नारी तुम मानव
संस्कृति की पहचान हो।

हे नारी तुम्हारा
जीवन अनमोल है
तुम्हारे पास ममता की
अचल सम्पत्ति है।
अपने संतान को तुम
संस्कारी बना सकती हो
पाप और पुण्य की
पहचान करा सकती हो
भले ही मर्द बदल जाये
इस बदलते दौर में,
लेकिन तुम कभी न बदलना
यही तुम्हारी संस्कृति है।

हे नारी तुम भारतीय
संस्कृति की धरोहर हो
दुनिया के छल-कपट
से बेख़बर हो।
मेरी कामना तो बस
इतना है, प्रकृति से
तुम्हारी संस्कार सदियों तक
इतिहास में अमर हो।

परिचय :-  हितेश्वर बर्मन
निवासी : डंगनिया, जिला : सारंगढ़ – बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *