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आत्मशुद्धि कराता दसलक्षण ब्रत

ललित शर्मा
खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
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आत्मशुद्धि की पवित्रता का
आता हर वर्ष दशलक्षण पर्व
दस सोलह बत्तीस दिन
भक्तिभजन सत्संग ध्यान में
एकाग्रता में लीन कराता
दशलक्षण व्रत पर्व

तनमन से व्रत का पालन
अन्नत्याग कर
आंतरिकता से
आध्यत्मिक भक्ति में
आत्मशुद्धि की शक्ति
खूब लाता
अन्तर्मन के रग रग में
दसलक्षण पर्व

भाद्र पद का पवित्र महीना
आराधना, उपासना और
बन जाता साधना का
आत्मशुद्धि की शरण में
सिखलाता जीवन जीना
सबजन को सिखलाता
कितना है नियम कठिन
बतलाता दसलक्षण पर्व

अनर्गल आपाधापी त्यागकर
अपनेआप को करता एकांत
रहना है भक्तिभजन नियम में
नियम धर्म की संगत में
खुद हो जाता शांत
ब्रत उपवास पालन करता
मनाता दसलक्षण पर्व

छोड़कर मोहमाया
काया को देता आराम
त्यागकर अंधाधुंध भागदौड़
ब्रत करता अन्तर्मन से
ईश्वर से आत्मशक्ति की
विनती करता
कहता सफल करो
दसलक्षण पर्व

झूठी माया छोड़कर
खुद करते धर्मपथ के पाठ
आत्मशुद्धि का
यही है कहते
दसलक्षण ब्रत
जलाते शक्ति के दीप
आत्मशक्ति पाने का
अन्तर्मन में जलाते
प्रकाश बताते
करामात दसलक्षण पर्व का

अनमोल वचनों का
करते मन से पाठ
आध्यात्मिक ज्ञान
पुलकित करने को
एकजुटता लाता
दसलक्षण ब्रत करता साथ

दस दिन का उपवास
ब्रतधारी शक्ति पाने
का समझते पक्का हिसाब
उत्तम क्षमा, मार्दव, आजर्व,
शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग,
आकिंचन्य व ब्रह्मचर्य
इन दस धर्मो की भावना भाते
ब्रत करके एक नई ऊर्जा
दसलक्षण ब्रत में
दिखलाते
सरलता, मधुरता,
संयम, त्याग,
आध्यत्मिक भाव विचार
यही दर्शाता
दसलक्षण पर्व

परिचय :- ललित शर्मा
निवासी : खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
संप्रति : वरिष्ठ पत्रकार व लेखक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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