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टूटा दिल

उषा बेन मांना भाई खांट
अरवल्ली (गुजरात)
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दिल टूटा है, मैं टूटी हु,
साथ देने वाला कोई नही।

सपने टूटे हैं, अपने रूठे है
समझने वाला कोई नही।

जिसे समझा था अपना
सबकुछ, वो ही साथ छोड़ गया।

इस भीड़ मैं न जाने
कहा वो खो गया।

अरे…ये क्या ?

उसे और कोई मिल गया,
बेचारा दिल…फिर से टूट गया।

तुमको देखती थी तो,
ऐसा लगता था
तुम सिर्फ मेरे हो…

अब तुम्हें देखती हु तो,
लगता हैं
कितनी पागल थी मैं…

अब तुम्हें इस दिल से निकाल दूँगी मैं
अपने आप को संभाल लुंगी मैं,

बेशक…

ये सब इतना आसान नहीं है फ़िर भी,
तुम्हारी खुशी के लिए सब कर लूंगी मैं।

प्यार का इजहार करने वाली थी मैं
अच्छा हुआ तुमने मेरी आँखे खोल दी,

अब ये उषा पहले वाली
उषा नहीं रहेगी, MSG क्या ?

मेरे नाम के नोटिफिकेशन
के लिए भी तरस जाओगे।…

परिचय :- उषा बेन मांना भाई खांट
निवासी : वालीनाथ ना मुवाडा, जिला- अरवल्ली (गुजरात)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ की रचना पूर्णतः मौलिक है।


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