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नव भारत का निर्माण करें

डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)

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युवा बाल और वृद्ध सभी मिल,
नव भारत का निर्माण करें
श्रृंगी ऋषि और भरद्वाज के
भारत का उद्धार करें

कश्यप ऋषि की कश्मीरी को,
आर्यावर्त की संस्कृति को
विष्णु शर्मा के पंचतंत्र को,
नया वितान प्रदान करें,
नव भारत का निर्माण करें।

वेद ,शास्त्र, उपनिषद, पुराण,
भरतमुनि का नाट्य शास्त्र
आदिनाथ की पुरा परम्परा,
नए भारत का परिधान बनें
चरक, च्यवन और सुश्रुत,
आर्यभट्ट, पुन भारत के प्राण बनें
नागार्जुन, बौधायन, कणाद का,
हम फिर से सम्मान करें,
नव भारत का निर्माण करें।

खड़ा हिमालय पावन धरती पर,
गंगा यमुना औ रेवा तट पर
व्यास, सरस्वती, कृष्णा, कावेरी,
की सीमाओं का विस्तार करें
जय जय जय भारत की सेना,
है भारत की प्रस्तर प्रहरी
वह भारत का अक्षुण्ण बल है,
उन्हें नमन हम आज करें,
नव भारत का निर्माण करें।

अपना भारत है उपवन,
वैकुण्ठ और स्वर्ग का संगम
फूलों की घाटी, देवदार के वन,
है कमान कंचनजंगा
देश में गूँजे ऋषि की वाणी,
लहराता निर्बाध तिरंगा
आनबान और शान तिरंगा,
इसे नमन हम सदा करें,
नव भारत का निर्माण करें।।

परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान
सर्टिफिकेट कोर्स : फ़्रेंच व गुजराती।
पुनः मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं तथा प्रायः देश भक्ति की कविताएं लिखती हूं जो कि समय की‌ मांग भी‌ है। आजकल देशभक्ति लुप्तप्राय हो गई है। इसके पुनर्जागरण के लिए प्रयत्नशील हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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