प्रमेशदीप मानिकपुरी
भोथीडीह, धमतरी (छतीसगढ़)
********************
जिसने जन्म दिया उसका मान नही है
क्या? ममता की कंही सम्मान नही है
जिस्म के लिए यह कैसे व्याभिचारी है
औरत को औरत होने की लाचारी है
खूब लगाते नारीवाद के नारे सभी
क्या सम्मान दे पाये नर उन्हें अभी
क्या? वो जीने के अधिकारी नही है
औरत को औरत होने की लाचारी है
समता का जब उनको अधिकार है
क्यों रखते उनके प्रति दुर्व्यवहार है
घात लगाकर बैठे क्यों शिकारी है
औरत को औरत होने की लाचारी है
क्यों उनको सब अधिकार देते नही
बराबर का अधिकार क्यों देते नही
क्यों कहलाई जा रही वह बेचारी है
औरत को औरत होने की लाचारी है
अब सम्मान और समता से जीये
क्यो जीवन भर वह विष को पिये
स्वाभिमान से जीने के अधिकारी है
समता, स्वभिमान के वो अधिकारी है
पिता : श्री लीलूदास मानिकपुरी
जन्म : २५/११/१९७८
निवासी : आमाचानी पोस्ट- भोथीडीह जिला- धमतरी (छतीसगढ़)
संप्रति : शिक्षक
शिक्षा : बी.एस.सी.(बायो),एम ए अंग्रेजी, डी.एल.एड. कम्प्यूटर में पी.जी.डिप्लोमा
रूचि : काव्य लेखन, आलेख लेखन, विभिन्न कार्यक्रम में मंच संचालन, अध्ययन अध्यापन
कार्य स्थल : शासकीय माध्यमिक शाला सांकरा
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.